प्राचीन भारत: सभ्यता और संस्कृति
अध्याय 2: इतिहास का मंथन
सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization): प्राचीन भारत की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता से होती है, जो लगभग 2500 ईसा पूर्व की है। इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं में शहरी योजना, पक्की ईंटों से बने मकान, जल निकासी प्रणाली और कृषि का विकास शामिल है। यह एक नगरीय सभ्यता थी और इसके प्रमुख स्थल हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल और धोलावीरा हैं। उदाहरण: मोहनजोदड़ो में मिला 'महान स्नानागार' (Great Bath) और हड़प्पा में मिले अनाज के गोदाम (Granaries) इस सभ्यता के उन्नत शहरी जीवन का प्रमाण देते हैं।
वैदिक काल (Vedic Period): सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद वैदिक काल का उदय हुआ। यह काल दो भागों में विभाजित है: ऋग्वैदिक काल (1500-1000 ईसा पूर्व) और उत्तर-वैदिक काल (1000-600 ईसा पूर्व)। इस काल में वेदों की रचना हुई, जो भारतीय संस्कृति के आधार हैं। इस समय समाज ग्रामीण था और आर्यों का आगमन हुआ।
महाजनपद काल और धार्मिक आंदोलन (Mahajanapadas and Religious Movements): छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, 16 महाजनपदों का उदय हुआ, जिनमें मगध सबसे शक्तिशाली था। इसी समय, जैन धर्म और बौद्ध धर्म जैसे नए धार्मिक आंदोलनों का उदय हुआ। इन आंदोलनों ने समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। उदाहरण: महावीर और गौतम बुद्ध ने अहिंसा और सादगी के सिद्धांतों का प्रचार किया, जिसने लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
मौर्य साम्राज्य (Mauryan Empire): चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। अशोक महान इस वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया और धर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया। इस काल में कला और स्थापत्य का भी विकास हुआ। उदाहरण: अशोक के शिलालेख और सांची का स्तूप इस काल की कला और स्थापत्य के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
संगम काल (Sangam Period): दक्षिण भारत में, संगम काल (लगभग 300 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी) साहित्य और संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस काल में तीन संगम सभाएँ आयोजित हुईं और तमिल साहित्य का विकास हुआ।
गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire): गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को 'भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग' कहा जाता है। इस काल में कला, विज्ञान, साहित्य और गणित के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। कालिदास, आर्यभट्ट और वराहमिहिर इसी काल से संबंधित थे। उदाहरण: अजंता की गुफाओं की चित्रकला और महरौली का लौह स्तंभ इस काल की कला और धातु विज्ञान के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
हर्षवर्धन का काल (The Age of Harsha): गुप्तों के पतन के बाद, हर्षवर्धन ने उत्तर भारत में एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया। उनके समय में चीनी यात्री ह्वेन त्सांग भारत आए, जिन्होंने भारत की विस्तृत यात्रा का वर्णन किया।
पुनरावृत्ति और अभ्यास (Revision and Practice): प्राचीन भारत के इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं, साम्राज्यों, और शासकों के कालक्रम को याद रखना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप एक समयरेखा (Timeline) बना सकते हैं।
कला और संस्कृति पर ध्यान (Focus on Art and Culture): प्राचीन भारत के इतिहास में कला, स्थापत्य, और संस्कृति से जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। आपको मंदिरों, गुफाओं, और शिलालेखों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
स्रोत और पुस्तकें (Sources and Books): प्राचीन भारत के इतिहास के लिए, NCERT की किताबें और किसी भी मानक पुस्तक का उपयोग करें। अपने नोट्स को व्यवस्थित रखें ताकि आप अंतिम समय में उनका पुनरीक्षण कर सकें।