भारत का भौतिक भूगोल: पर्वत, नदियाँ, जलवायु
अध्याय 3: भूगोल का दिग्दर्शन
पर्वत (Mountains): भारत एक विविध स्थलाकृतिक देश है, जहाँ उत्तर में हिमालय जैसे विशाल पर्वत श्रृंखलाएँ हैं और दक्षिण में अरावली और पश्चिमी घाट जैसी पुरानी पर्वतमालाएँ हैं। हिमालय पर्वतमाला भारत को मध्य एशिया की ठंडी हवाओं से बचाती है और मानसूनी वर्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण: हिमालय की प्रमुख चोटियों में माउंट एवरेस्ट, कंचनजंगा और नंदा देवी शामिल हैं।
नदियाँ (Rivers): भारत में नदियों का जाल है, जिन्हें दो मुख्य समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है: हिमालयी नदियाँ और प्रायद्वीपीय नदियाँ। हिमालयी नदियाँ (गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र) बारहमासी होती हैं और वे अपने साथ उपजाऊ गाद (Silt) लाती हैं, जिससे उत्तरी मैदानों का निर्माण हुआ है। प्रायद्वीपीय नदियाँ (महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी) मौसमी होती हैं। उदाहरण: गंगा नदी को भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी माना जाता है, जो देश के सबसे बड़े हिस्से को सिंचित करती है।
जलवायु (Climate): भारत की जलवायु 'उष्णकटिबंधीय मानसूनी' है। भारत में चार प्रमुख ऋतुएँ होती हैं: शीत ऋतु (दिसंबर-फरवरी), ग्रीष्म ऋतु (मार्च-मई), वर्षा ऋतु (जून-सितंबर), और लौटता हुआ मानसून (अक्टूबर-नवंबर)। मानसूनी हवाएँ भारत की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
मिट्टी (Soil): भारत में कई प्रकार की मिट्टी पाई जाती है, जैसे जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil), काली मिट्टी (Black Soil), लाल मिट्टी (Red Soil) और लैटेराइट मिट्टी (Laterite Soil)। जलोढ़ मिट्टी उत्तरी मैदानों में सबसे अधिक पाई जाती है और यह बहुत उपजाऊ होती है। काली मिट्टी दक्कन पठार में पाई जाती है और कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम है।
वनस्पति (Vegetation): भारत में पाँच प्रमुख प्रकार की वनस्पति पाई जाती है: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, कांटेदार वन और झाड़ियाँ, हिमालयी वन और मैंग्रोव वन। उदाहरण: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत में पाए जाते हैं, जबकि उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन देश के अधिकांश हिस्सों में पाए जाते हैं।
झीलें और वेटलैंड (Lakes and Wetlands): भारत में कई ताजे पानी और खारे पानी की झीलें हैं। उदाहरण: वूलर झील (जम्मू-कश्मीर) ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है, जबकि चिल्का झील (ओडिशा) खारे पानी की सबसे बड़ी झील है।
मैदान और पठार (Plains and Plateaus): भारत के उत्तरी मैदान दुनिया के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक हैं। ये सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा निर्मित हैं। दक्कन पठार एक बड़ा और पुराना पठार है जो प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्से को कवर करता है।
तटीय मैदान और द्वीप (Coastal Plains and Islands): भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर तटीय मैदान हैं। भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं: बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और अरब सागर में लक्षद्वीप द्वीप समूह।
पुनरावृत्ति के लिए नोट्स (Notes for Revision): भूगोल में मानचित्रों का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। आप विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं, नदियों और जलवायु क्षेत्रों को मानचित्र पर दर्शा सकते हैं। यह आपको जानकारी को बेहतर ढंग से याद रखने में मदद करेगा।
विश्लेषणात्मक अध्ययन (Analytical Study): भूगोल का अध्ययन केवल तथ्यों तक सीमित नहीं होना चाहिए। आपको यह भी समझना चाहिए कि विभिन्न भौतिक विशेषताएँ भारत की अर्थव्यवस्था और जीवनशैली को कैसे प्रभावित करती हैं। उदाहरण: हिमालय की उपस्थिति ने भारत की जलवायु, नदियों और कृषि पर गहरा प्रभाव डाला है।